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Showing posts from July, 2023

36. प्रभु की इच्छा ही अपनी इच्छा

जब हम प्रभु की इच्छा में अपनी इच्छा को मिला देते हैं तो प्रभु को बहुत अच्छा लगता है और प्रभु इस से अति प्रसन्न होते हैं और हमारा कल्याण करने के लिए आतुर हो जाते हैं । एक संत एक नाव में बैठकर कहीं जा रहे थे । रास्ते में नदी में लहरें तेज हो गई और नाव भं वर में फंस गई । नाविक ने कहा कि शायद नाव डूब जाएगी तो संत ने अपने कमंडल से नदी का जल लेकर नाव में डालना शुरू कर दिया । थो ड़ी देर बाद लहरें थम गई और नाविक ने घोषणा की कि अब हम बच जाएंगे तो संत ने वापस नाव में जो कमंडल से जल डाला था उसे वापस नदी में डालना शुरू कर दिया । नाविक यह देखकर परेशान हुआ कि संत बुद्धिमान होते हुए भी विपरीत कार्य क्यों कर रहे हैं । किनारे पहुँचने के बाद नाविक ने हाथ जोड़कर संत से पूछा तो संत ने कहा कि मैं प्रभु की इच्छा का सम्मान कर रहा था । अगर प्रभु नाव को डुबाना चाहते थे तो मैं नाव में पानी भरकर उसमें सहयोग कर रहा था और जब प्रभु ने नाव को बचाने का निश्चय किया तो मैं भी जल निकालकर नाव को बचाने के लिए प्रयास करने लग गया । सारांश यह है कि संत ने अपनी इच्छा प्रभु की मर्जी से मिला ली थी जिससे वे प्रतिकूलता में भी

35. प्रभु द्वारा दी जाने वाली मजदूरी

जब हम प्रभु से अपने भजन के बदले कुछ नहीं मांगते तो प्रभु स्वयं दर्शन देकर अप नी भक्ति का दान हमें देते हैं और हमें अपना बना लेते हैं और अपनी गोद में समां लेते हैं । एक गांव में एक लड़का रहता था जो राजा से मिलना चाहता था । एक दिन उसने एक संत से इसकी तरकीब पूछी तो संत ने कहा कि नया राजमहल बन रहा है वहाँ जाकर लगन से काम करो पर मजदूरी मत लेना । वह लड़का ऐसा ही करने लग गया । एक दिन राजा अपने नए राजमहल के निरीक्षण पर आया और उसने देखा कि वह लड़का बहुत मेहनत से काम कर रहा है तो उसने अपने मंत्री से पूछा कि यह कौन है ? तो मंत्री ने बताया कि यह लड़का बिना वेतन लिए दो महीने से पूरी लगन से काम कर रहा है । वेतन देने पर यह कहता है कि राजा साहब का काम है इसलिए मुझे कुछ नहीं चाहिए । राजा ने तत्काल उसे अपने पास बुलाया और उसकी निष्ठा देखकर प्रसन्न हो गया और उसे मंत्री बना दिया । आगे उसकी और निष्ठा देखकर राजा ने अपनी पुत्री से कुछ समय बाद उसका विवाह कर दिया और उसे युवराज पद पर बैठा दिया क्योंकि राजा को कोई लड़का नहीं था, केवल एक पुत्री थी । वह लड़का निष्काम बना रहा तो वह युवराज बन गया, अगर निष्काम नहीं