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Showing posts from January, 2023

24. प्रभु पर विश्वास

हमें हर परिस्थिति में खासकर विपत्ति की बेला में प्रभु पर विश्वास दृढ़ रखना चाहिए । इससे उस विपत्ति से प्रभु हमें निकाल लाते हैं और उस परिस्थिति पर हमारी विजय होती है । प्रभु पर विश्वास इसलिए दृढ़ होना चाहिए क्योंकि हर विपरीत परिस्थिति भी प्रभु के एक इशारे पर अनुकूल हो जाती है । एक संत अपने एक शिष्य के साथ समुद्र में जहाज में यात्रा कर रहे थे । जहाज में काफी लोग थे । अचानक जोरदार तूफान आया और जहाज पानी में डगमगाने लगा । सभी यात्री बुरी तरह से डर गए और प्रभु को पुकारने लगे । संत अपने स्थान पर शांत बैठे रहे जैसे कुछ हुआ ही नहीं । उनका शिष्य दौड़ता हुआ आया और पूछा कि आपको डर नहीं लग रहा कि जहाज तूफान के कारण डूब जाएगा । संत ने एक चाकू, जिसे वे फल सुधारने के लिए अपनी झोली में रखते थे, उसे निकाला और शिष्य के गले पर लगा दिया । संत ने अपने प्रिय शिष्य से पूछा कि क्या चाकू से तुम्हें डर नहीं लग रहा ? शिष्य बोला कि क्योंकि चाकू आपके हाथ में है और आप मेरा बुरा नहीं करेंगे इसका मुझे पक्का विश्वास है इसलिए चाकू गले में लगने पर भी मुझे डर नहीं लग रहा । संत ने चाकू गले से हटाया और कहा कि इसी तरह यह

23. हर कर्म में प्रभु का अनुग्रह देखें

हर कर्म में प्रभु का अनुग्रह देखना चाहिए । जब हम प्रभु पर विश्वास करते हैं तो सदैव प्रभु की कृपा हमारा मंगल ही करती है । प्रभु को शास्त्रों में मंगल के भवन और अमंगल को हरने वाला कहा गया है और प्रभु ऐसा ही करते हैं । हमें प्रभु पर विश्वास होना चाहिए कि प्रभु हमारा मंगल करेंगे तो हमारा मंगल होता चला जाएगा । जिस क्रिया में शुरुआत में हमें अपना मंगल दिखाई नहीं देगा वह भी अंत में हमारा मंगल करके ही जाएगा । एक राजा के यहाँ एक मंत्री था जो बड़ा प्रभु भक्त था और जो भी होता उसके मुँह से भक्ति का कारण एक ही बात निकलती कि प्रभु ने भली करी । एक बार राजा तलवारबाजी कर रहा था कि उसका अंगूठा कट गया । मंत्री के मुँह से निकल गया प्रभु ने भली करी । राजा गुस्से में आ गया और मंत्री को कारागार में डालने का आदेश दे दिया । जब राजा के सैनिकों ने पकड़ा तो मंत्री ने फिर यही कहा कि प्रभु ने भली करी । हफ्ते भर बात राजा स्वस्थ हुआ तो शिकार खेलने निकला । जंगल में शिकार की तलाश में बहुत आगे तक चला गया और अपने सैनिकों को पीछे छोड़ दिया । वह राह भटक गया और संध्या होने लगी । तभी कुछ डाकुओं ने उसे पकड़ लिया क्योंकि डा