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Showing posts from June, 2023

34. सत्संग का प्रभाव

युवावस्था में ही जीव को सत्संग की तरफ मुड़ जाना चाहिए क्योंकि सत्संग से हमारा विवेक जागृत होता है, हमारी भक्ति प्रबल होती है और हम गलत काम करने से अपने आपको बचा लेते हैं जिससे पाप कर्म नहीं बनता । सबसे जरूरी काम जो सत्संग करता है वह हमें माया के प्रभाव से बचाता है और प्रभु से जोड़ता है । एक गांव के बाहर एक संत रहते थे जिनसे मिलने के लिए दूसरे गांव से एक अंधे संत का आना हुआ । दिनभर सत्संग हुआ और सा यं काल जब अंधे संत जाने लगे तो पहले संत ने उन्हें एक लालटेन दिया और कहा कि आप यह लेकर जाएं तो रास्ते में दिक्कत नहीं होगी । अंधे संत ने कहा कि इस लालटेन से मुझे तो कुछ भी दिखेगा नहीं तो पहले संत ने कहा कि सामने वाले को दिख जाएगा कि आप आ रहे हैं और इस तरह आपकी किसी से भिड़ंत नहीं होगी । इस छोटी-सी कथा को ऐसे समझे कि अगर हम भी सत्संग की लालटेन लेकर संसार में चलते हैं तो माया को पता होता है कि यह जीव प्रभु का है और वह हमसे दूर रहती है और हमसे माया की भिड़ंत नहीं होती । माया का प्रभाव हम पर नहीं पड़ता और हम इस मायानगरी में भी माया के प्रभाव से बचकर प्रभु की गोद में पहुँच जाते हैं ।

33. प्रभु पर विश्वास

प्रभु पर विश्वास इतना होना चाहिए कि हमें कल की चिंता नहीं होनी चाहिए और भविष्य का भय नहीं होना चाहिए । प्रभु हमारी व्यवस्था करेंगे और हमारा मंगल विधान करेंगे ऐसा पक्का विश्वास हमारे मन में होना चाहिए । हमें अपना निहित कर्म करना चाहिए पर पूरा विश्वास प्रभु पर रखना चाहिए । एक व्यापारी था जिसकी पत्नी प्रभु की भक्त थी पर व्यापारी नास्तिक था । उसने व्यापार में उल्टा सीधा काम करके सात पीढ़ियों के लिए धन जमा कर लिया था पर फिर भी उसे रात में नींद नहीं आती थी । एक दिन उसकी पत्नी ने पूछा तो उसने कहा कि सात पीढ़ियों तक की धन की व्यवस्था तो है पर मेरी आठवीं पीढ़ी का क्या होगा, इसकी मुझे चिंता है । पत्नी बड़ी भक्त स्‍वभाव की और संतोषी थी तो पत्नी ने सोचा कि इन्हें एक संत के पास ले जाया जाए । पत्नी कुछ भेंट की सामग्री लेकर अपने पति के साथ एक बहुत पहुँचे हुए संत के पास पहुँची । संत को भेंट की सामग्री अर्पण की तो संत ने अपनी पत्नी को बुलाकर पूछा कि कहाँ तक की व्यवस्था है ? संत की पत्नी ने कहा कि अभी दोपहर का समय है और शाम तक के राशन की व्यवस्था अपने पास है । तो संत ने भेंट की सामग्री लेने से मना कर